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नादान बालक-भोला प्रसाद शर्मा

Bhola

नादान बालक

मैं बालक माँ हूँ नादान
कर दे तू मेरा कल्याण।

लालिमा संग रोज जगु मैं
सत्य कर्म और ध्यान धरू
मुझसे न हो कोई अधर्म
ऐसा करूँ मैं जग में कर्म

मैं बालक माँ हूँ नादान
कर दे तू मेरा कल्याण।

मन मेरा न कभी हो चंचल
रहे सदा छाया माँ का आँचल
निर्बल की राहों का हरदम
सहन करुँ बन उनके सरगम

मैं बालक माँ हूँ नादान
कर दे तू मेरा कल्याण।

कटु वाणी की कभी न आशा

हो सर्वत्र अमिट परिभाषा
संघर्ष चुनौती अणु लगे हरपल
हर क्षण बीते मेरा दोनों कल

मैं बालक माँ हूँ नादान
कर दे तू मेरा कल्याण।

सेवा समर्पण भाव सदाचारी
बालक आरुणि जैसे आज्ञाकारी
निश्छल मन जन हितकारी
सादगी ही हो पहचान हमारी

मैं बालक माँ हूँ नादान
कर दे तू मेरी कल्याण।

नभ पथ हो आधार हमारा
बनूँ मैं मानव सबका का सहारा
छवि चंद्रमा संग निशाचार
दूर करुँ जग का अँधियारा।

मैं बालक माँ हूँ नादान
कर दे तू मेरा कल्याण।

भोला प्रसाद शर्मा
डगरूआ, पूर्णिया (बिहार)

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