हिन्दी ही पहचान है – भोला प्रसाद शर्मा

हिन्दी जगत का है इतिहास पर रोग लगा है अंग्रेजी खास ओके थैंकयूँ पर अधिक विश्वास शुभकामनाएं का न समय है पास मम्मी- डैडी मृत शब्द को बोले शुभ नाम…

रक्षा बंधन – भोला प्रसाद शर्मा

रिश्तों में सबसे प्यारा, है राखी त्यौहार हमारा। बना रहे स्नेह प्यार, भाई-बहिन में सदा। राखी के कारण ही बहिना, मिलने आती भाई से। और याद दिला देती रक्षा के…

हमारा चंद्रयान – भोला प्रसाद शर्मा

चंदा मामा के गांव में मौका मिला अनोखा सफल रहा अभियान उड़ाकर कितने खोखा डर भी था थोड़ा सबको जब भरा इसरो उड़ान जा धमका इक नई दुनियां फूले इंडियन…

पढ़ना है अधिकार मेरा-भोला प्रसाद शर्मा

पढ़ना है अधिकार मेरा जब निकली मैं बस्ता लेके रिंकी मुनियाँ रास्ता रोके क्यूँ तुम पढ़ना चाहती हो जरा मुझे भी कहते जा। पढ़ने से क्या होता लाभ जरा मुझे…

ऐसे होते हैं शिक्षक-भोला प्रसाद शर्मा

  ऐसे होते हैं शिक्षक ऐसे होते हैं शिक्षक! न उन्हें कल का खबर न अपने पोषण की चिन्ता दूर पथगामी सोच लेकर सिर्फ बच्चों के भविष्य का ही अनदेखा…