Site icon पद्यपंकज

गुरु की महिमा -जैनेन्द्र प्रसाद रवि

Jainendra

गुरु की महिमा

जगत के जीव सारे,
राजा हों या रंक प्यारे,
जगत में गुरु बिना,
ज्ञान कौन पाता है?

गुरु सम महादानी,
दुनिया में नहीं सानी,
जड़ में भी ज्ञान भर,
महान बनाता है।

नर हो या नारायण,
चाहे भक्ति परायण,
गुरु जड़ चेतन के ,
भाग्य का विधाता है।

राम कृष्ण बुद्ध आए,
भगवान कहलाए,
“रवि’ बिना गुरु कौन,
ईश बन पाता है?

जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मध्य विद्यालय बख्तियारपुर,
(पटना)

Spread the love
Exit mobile version