देखो मौसम यह कैसा आया है, सर्द हवा संग लाया है। प्रकृति के अनमोल पलों में, जीवन का राग सुनाया है। बहती शीतल मंद बयार, होते सभी को धूप …
Category: बाल कविता
सर्द हवा- रामकिशोर पाठक
कुहासा बाहर गहरा है सर्द हवा का पहरा है। कुछ नहीं पड़ती है दिखाई बच्चों तुम न करो ढिठाई कुछ दिन छिपकर रह लो घर में जो पढ़ें उसे…
आओ सीखें – रामकिशोर पाठक
आओ बच्चों पढ़ना सीखें जीवन रंग बदलना सीखें। अक्षर अक्षर गढ़ना सीखें शब्दों के अर्थ समझना सीखें। मिलजुल कर रहना सीखें जीवन पथ पर बढ़ना सीखें। दुश्मन से भी…
पुस्तक – देवकांत मिश्र ‘दिव्य’
आओ बच्चों पुस्तक पढ़ लें। नई-नई बातों को गढ़ लें।। पुस्तक तो है ज्ञान-खजाना। करें न कोई और बहाना।। नये-नये कुछ शब्द मिलेंगे। सुंदर मनहर चित्र दिखेंगे।। कभी दिखें रवि-चाँद-सितारे।…
हम सब हैं भारत के बच्चे – अमरनाथ त्रिवेदी
लेकर हम सब प्रभु का नाम, सदा करें ही अच्छे काम। खेल-खेल में नहीं लड़ेंगे, बात-बात में नहीं झगड़ेंगे। हम सब हैं भारत के बच्चे, कहते जो करते सब…
चाँद सलोना- रामकिशोर पाठक
लगता बड़ा सलोना चॉंद जैसे कोई खिलौना चॉंद। मन को मेरे भाता यह पर बड़ा इठलाता यह। दिखता नहीं हमेशा एक जैसे इसके रूप अनेक। दिन में है छिप…
बालपन के अनमोल पल – अमरनाथ त्रिवेदी
पढ़ने को नहीं दिल है करता, पर पढ़ना बहुत जरूरी है। सब हैं मुझसे आस लगाए, पर खेलना भी मजबूरी है।। खेलकूद में मन जब लगता, पढ़ने को तब जी…
मेरी गुड़िया रानी बोल- नीतू रानी
मेरी गुड़िया रानी बोल, क्यों की है तुम चप्पल गोल। चप्पल रोज पहनकर आती, गोलाकार में उसे सजाती। गोल चप्पल के अंदर खड़ी है, लगती कोई छोटी परी है। तुम…
सर्दी – रामकिशोर पाठक
सर्दी का है मौसम आया घना कोहरा भी है छाया। सुबह-सुबह हीं हम जागें जल्दी से स्कूल हम भागें। ठंढे पानी से नहीं नहाना कर जाते हैं कोई बहाना।…
समय पर खेल समय पर पढ़ाई – अमरनाथ त्रिवेदी
लिए खिलौने हाथ में, खेलने को हम सब बेकरार। पापा निकले घर से, हम सब हुए फरार। देख उनकी त्योरी, रही न बुद्धि माथ। असमय खेलने का यह प्रतिफल मिला,…