बहती शीतल मंद बयार- अमरनाथ त्रिवेदी

  देखो  मौसम  यह कैसा  आया  है, सर्द   हवा     संग     लाया    है। प्रकृति  के अनमोल  पलों  में, जीवन  का  राग सुनाया   है। बहती   शीतल   मंद   बयार, होते  सभी को धूप …

आओ सीखें – रामकिशोर पाठक

  आओ बच्चों पढ़ना सीखें जीवन रंग बदलना सीखें। अक्षर अक्षर गढ़ना सीखें शब्दों के अर्थ समझना सीखें। मिलजुल कर रहना सीखें जीवन पथ पर बढ़ना सीखें। दुश्मन से भी…

पुस्तक – देवकांत मिश्र ‘दिव्य’

आओ बच्चों पुस्तक पढ़ लें। नई-नई बातों को गढ़ लें।। पुस्तक तो है ज्ञान-खजाना। करें न कोई और बहाना।। नये-नये कुछ शब्द मिलेंगे। सुंदर मनहर चित्र दिखेंगे।। कभी दिखें रवि-चाँद-सितारे।…

हम सब हैं भारत के बच्चे – अमरनाथ त्रिवेदी

  लेकर हम सब प्रभु का नाम, सदा करें ही  अच्छे काम। खेल-खेल में नहीं लड़ेंगे, बात-बात में नहीं झगड़ेंगे। हम सब हैं भारत के बच्चे, कहते जो करते सब…

सर्दी – रामकिशोर पाठक

  सर्दी का है मौसम आया घना कोहरा भी है छाया। सुबह-सुबह हीं हम जागें जल्दी से स्कूल हम भागें। ठंढे पानी से नहीं नहाना कर जाते हैं कोई बहाना।…

समय पर खेल समय पर पढ़ाई – अमरनाथ त्रिवेदी

लिए  खिलौने  हाथ   में, खेलने को हम सब बेकरार। पापा निकले  घर  से, हम  सब  हुए  फरार। देख  उनकी   त्योरी, रही  न  बुद्धि   माथ। असमय खेलने का यह प्रतिफल मिला,…