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कोरोना-अश्मजा प्रियदर्शिनी

कोरोना

कोरोना का कहर विश्व में फैला रहा जहर
महामारी फैलाने को है बेकरार चहूँ ओर है कहर
ऐसे में संयमित रहे, लापरवाही न कीजिए।
महामारी के संक्रमण से सकल विश्व हलकान
सतर्क रहें, स्वस्थ्य रहे, संयम-नियमन में रहे इंसान
प्रकृति से न खेलिए, जीवों का भक्षण न कीजिए
शोक व्याप्त है, कर्फ्यू है शहर-दर-शहर
भवँर में फँसी है जीवन की नैया, प्रचण्ड है लहर
सुरक्षा–स्वच्छता से नैया को किनारा कीजिए ।
महामारी है बिन बुलाया मेहमान
लापरवाही ले सकता है हम सब की जान
घर में ही रहकर ईश्वर का ध्यान कीजिए।
कोरोना महामारी के संकट से लड़कर
निर्धन को धन, जल, अन्न देकर
अपनी सबलता से डटकर दान-पुण्य भी कीजिए ।
संकट के इस महासमर में
वायरस की अठखेलियाँ डगर–डगर में
तूफानों से लड़कर धैर्य प्रदर्शित कीजिए।
समय की महत्ता को जाने काम करें कुछ रुचिकर
संघर्षो की अग्नि में जलकर
वैज्ञानिक अनुशंधान कुछ कीजिए।
मद्यपान, धूम्रपान, व्यभिचार है व्यवधान
सादा भोजन औषधि, स्वच्छता है समाधान
संकट की घड़ी में “जियो और जीने दो” को याद कीजिए।

नव–युग का है आगमन जीवन पथ का करें निर्माण
पंचतंत्र का पाठ पढ़े करे विश्व कल्याण
घर से न निकलें वायरस न लीजिए न दीजिए ।
“वसुधैव—कुटुम्बकम” का पाठ पढ़ें
सदभावना से जग की संरचना गढ़ें
अपने प्रयासों से विश्व में सोमरस भर दीजिए 

 अश्मजा प्रियदर्शिनी

पटना (बिहार)

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