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सुख दुःख-लवली वर्मा

सुख दुःख

संघर्ष भरे इस जीवन में,
सुख-दुःख आते जाते हैं।
कभी पुष्प से खिलते हम,
दुःख से कभी मुरझाते हैं।

क्षण आता है कभी ऐसा,
विचलित हम हो जाते हैं।
उभरेंगे कैसे इस क्षण से,
सोच-सोच घबराते हैं।

सुख-दुःख का साथ पुराना,
बारी-बारी से आते हैं।
डगमग होना न इस पथ पर,
यह हमें सिखलाते हैं।

सुख-दुःख के आने से,
हम अनुभव पाते है।
सही और गलत का,
हमें एहसास दिलाते हैं।

सुख-दुःख के आने पर,
जो धैर्य रखते हैं।
जीवन की परीक्षा में,
वो ही सफल होते हैं।

लवली वर्मा
प्राथमिक विद्यालय छोटकी रटनी
हसनगंज, कटिहार

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