सहयोगी-विजय सिंह नीलकण्ठ

सहयोगी

बिन सहयोगी एक पल भी 
जीना मुश्किल हो जाता है 
भाई बहन व बेटा बेटी 
पत्नी सह पिता व माता है। 
कर सहयोग एक दूजे का 
खुशियों में समय बिताते हैं 
गर कोई विपदा आ जाए 
सब मिलकर अपनाते हैं। 
सुख में खुश और दुःख में दुःखी 
हर सहयोगी होते हैं 
हिय में ऐसी भाव रखे 
सच्चे सहयोगी होते हैं। 
घर के बाहर भी अनेक 
सहयोगी पाए जाते हैं 
हर प्रकार की सुख सुविधा को 
जो उपलब्ध कराते हैं। 
राशन दुकान फैशन दुकान 
सब्जी फल वाले होते हैं 
ग्राहक की सेवा प्रेम से करते 
कभी न आपा खोते हैं। 
दवाई वस्त्र के दुकानदार भी 
मृदुभाषी होते भाई 
गुस्से का भाव दिखे न मुख पर 
हरदम पर की करे भलाई। 
अलावा भी इसके कई 
सहयोगी सदा सहयोग करे 
सहयोगी के बल पर ही सब 
सुख सुविधा का उपभोग करें।
विजय सिंह नीलकण्ठ 
सदस्य टीओबी टीम 

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