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रक्षाबंधन-आँचल शरण

रक्षाबंधन

सावन आया, लेकर रक्षा बंधन का त्योहार भैया,

सभी भाई-बहन को रहता इसका इंतजार भैया।

सदियों से चलता आया है रक्षा का त्योहार भैया,

इसे तुम समझो बहना का आशीर्वाद भैया।

जीवन में न आये कोई संकट तेरे पास भैया,

बहना लेती है बलैया और करती है कामना दिन-रात भैया।

मुसीबत मे तुम देना मेरा साथ भैया,

जैसे द्रोपदी की लाज बचाई कृष्णा।

वैसे ही संकट से बहनो को बचाना भैया,

इसे निभाना जब तक रहे धरती व आकाश भैया।

सावन आया लेकर रक्षाबंधन का त्योहार भैया,

मुझे याद आ रही है इतिहास की एक बात भैया ।

कैसे बहनो के वादो को निभाया था भैया,

सावन आया लेकर रक्षाबंधन का त्योहार भैया,

इसे निभाना जब तक रहे सूरज व चाँद भैया।

एक बार शिकंदर की पत्नी अपने पति की सुरक्षा हेतु,

शत्रु पूर्वांश को बांधी थी रेशम का धागा भैया।

और बदले मे ली थी शिकंदर का जीवन दान भैया

ये तो है रक्षाबंधन का त्योहार भैया।

इसे निभाना जब तक रहे सूरज व चाँद भैया,

याद आ गया मुझे भी बचपन का वो प्यार भैया।

छोटी-छोटी बातों पर करते थे तकरार भैया,

फिर भी न रहती थी मन मे कोई आन भैया।

ऐसे ही आजीवन निभाना ये प्यार भैया,

सावन आया लेकर रक्षाबंधन का त्योहार भैया।

सभी भाई-बहन को रहता है इसका इंतजार भैया,

इसे निभाना जब तक रहे धरती और आकाश भैया।

आँचल शरण
प्राथमिक विद्यालय टप्पूटोला
प्रखंड – बायसी
जिला-पूर्णिया
बिहार

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