Site icon पद्यपंकज

गाएँगे तेरा गुणगान-विजय सिंह नीलकण्ठ

Vijay

गाएँगे तेरा गुणगान

सुबह-सुबह जब सबसे पहले
उठती है प्यारी चिड़िया
उठकर कहती जागो बच्चो
है जाग चुकी सारी दुनिया।

नित्यक्रिया से निवृत्त होकर
कर लो थोड़ा सा जलपान
यदि थोड़ा भी बचा हुआ तो
पूरा कर लो तुम गृह काम।

विद्यालय की पोशाक पहनकर
पुस्तक ले लो हाथ
हर दिन विद्यालय जाना है
सरदी गरमी या बरसात।

नित दिन नया नया सीखोगे
विद्यालय में भाई
यदि विद्यालय नहीं जाओगे
होगी ज्ञान पराई।

ज्ञान का मंदिर है विद्यालय
दोपहर भोजन का भोजनालय
पुस्तक के लिए है पुस्तकालय
जो न मिलता तेरे स्वआलय।

पुस्तक पोशाक छात्रवृत्ति भी
मिलती है लो बच्चो जान
हर दिन विद्यालय जाओगे
मिलता रहेगा भरपूर ज्ञान
फिर बन जाओगे विद्वान
सब गाएँगे तेरा गुणगान।

विजय सिंह नीलकण्ठ

सदस्य टीओबी टीम

Spread the love
Exit mobile version