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दिल की बात सुनें -अमरनाथ त्रिवेदी

दिल की बात सुनें

किसी से कुछ कहे न कहें  ,
पर दिल की बात जरूर सुन लें  ।
वह कहता है  तो भले  के लिए ,
बात उसकी जरूर गुन   लें ।

आत्मा की पुकार जो है सुनता ,
उसके सब काम  बन जाते हैं ।
वही तो आत्मा का सच्चा साथी है ,
जो खुद की  पुकार बन आते हैं ।

कोई साथ दे या न दे पहले ,
वही पहली पुकार सुन लेता है ।
यह मरते दम तक साथ है होता ,
यह अमित. प्यार भर देता है ।

कौन है अपना कौन पराया ,
यह दिल ही सदा बताता है ।
इससे ही जीवन प्रतिपल चलता ,
यह कभी इधर उधर न हो पाता है ।

नैराश्य भाव  न लाये कभी ,
यह सदा हित की बात बताता है ।
अंधेरे में भी उजाला बनकर ,
अपनी जिम्मेवारी खूब निभाता है ।

फुर्सत के क्षणों में जब बैठें ,
अपनी दिल से हाल जरूर ले लें ।
यही तो सच्ची  हाल सुनाता है ,
इसकी बात आप  जरूर रख लें ।

अमरनाथ  त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय  बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुज़फ्फरपुर

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