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बाल दिवस-रीना कुमारी

बाल दिवस

आज है बाल दिवस का दिन,
नेहरू जी का आज जन्मदिन,
बच्चों के लिए ये विशष दिन,
नेहरू जी याद आते इस दिन,
बहुत ही सुंदर, मनोहर है दिन,
14नवम्बर 1889का ये दिन,

याद किये जाएँगे सब दिन।

बच्चों सें उनके ऐसे रिश्ते,
विश्वास था उनमें उनका ऐसे,
कहते थे बच्चे होते मन के सच्चे,
वे सबकी आँखों के तारे होते,
झूठ-फरेब से नहीं नाता होता इनका,
चेहरे पर मुस्कान बड़े ही प्यारे होते।
सपने इनके अपने होते,
काल्पनिक दूनियाँ में खोये रहते,

बहुत प्यारी होती इनकी दुनियाँ,
हमेशा खुश रहना इनकी खूबियाँ,
न कोई चिंता, न जिम्मेदारियाँ,
नफरत से सर्वदा बनाए दूरियाँ,

चेहरे पर न कोई शिकन न कोई झूरिया।

बच्चे होते देश के भविष्य,
सही से हो उनकी परवरिश,
बालश्रम को रोकना होगा,
सही शिक्षा हमें देना होगा,
तभी हमारा प्रयास सार्थक होगा।

कच्ची मिट्टी के भांति होता बच्चों का मन,
जरूरत है सही सांचे में उन्हें ढाले हम।

पंडित नेहरू ने बच्चों पर प्यार लुटाया,
बच्चों के बीच ‘चाचा’ कहलाया,
बाल दिवस है उनको समर्पित,
श्रद्धा सुमन हम सब करें अर्पित।
जेब में रहता उनके लाल गुलाब,
अपने आनंद भवन के थे वे नबाब।

बाल दिवस महज रस्म न हो,
बच्चों के सर्वांगीण विकास के यत्न हो।
बच्चों पर जुल्म करना करो बस
तभी सार्थक होगा बाल दिवस।

अतः प्रतिवर्ष बाल दिवस मनाना है,
बच्चों में सदा खुशियाँ वर्षाना है,
बच्चों के मन को हमें हर्षाना है,
बच्चों के बीच प्यार लुटाना है,
ऐसे ही बच्चों का प्यार पाना है।

रीना कुमारी
प्रा०वि०सिमलवाड़ी पशिचम टोला
पूर्णियाँ  बिहार

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