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भारत के नवनिहाल-स्नेहलता द्विवेदी आर्या

भारत के नवनिहाल

भारत के नवनिहाल सुनो, गान देश का,
रखना तुन्हें संभाल है, स्वाभिमान देश का।
इस देश का मस्तक हमेशा, शान से रहे,
रखना है दिलों जान से, खयाल देश का।

भारत के नवनिहाल सुनो, गान देश का,
रखना तुन्हें संभाल है, स्वाभिमान देश का..

गाँधी सुभाष भगत सिंह, अरमान देश का,
चहुँ ओर बढ़ रहा है, सम्मान देश का।
इक्कीसवीं सदी हो रहा, सुनाम देश का,
काँधे पर तुम्हारे है अब, निशान देश का।

भारत के नवनिहाल सुनो, गान देश का,
रखना तुन्हें संभाल है, स्वाभिमान देश का।

वेद की ऋचाओं राम कृष्ण, की भूमि,
नानक गुरु रहें हमेशा, प्राण देश का।
बहुभाषा बहुधर्म बहुत नाम, देश का,
नाम प्यारा है हिंदुस्तान, देश का।

भारत के नवनिहाल सुनो, गान देश का,
रखना तुन्हें संभाल है, स्वाभिमान देश का।

नई दिशा, नई तकनीकी, नया रंग है,
हम छू रहें नया हैं आसमान, देश का।
अंतरिक्ष या समुंद, या जल थल या नभ कहीं,
हर जगह फहरता रहे, निशान देश का।

भारत के नवनिहाल सुनो, गान देश का,
रखना तुन्हें संभाल है, स्वाभिमान देश का।

रामराज्य की यही, अवधारणा रही,
कोई न कहीं भी हो, परेशान देश का।
वसुधा कुटुम्ब भाव, अरमान देश का,
पर सबसे बड़ा रहे तिरंगा, शान देश का।

भारत के नवनिहाल सुनो, गान देश का,
रखना तुन्हें संभाल है, स्वाभिमान देश का।

तुम हो सपूत देश के, देश सबका प्राण है,
है मातृभूमि में बसे, ईमान देश का,
कोटि नमन कोटिशः वन्दन, आ सभी करें,
लहरा रहा तिरंगा, स्वाभिमान देश का।

भारत के नवनिहाल सुनो, गान देश का,
रखना तुन्हें संभाल है, स्वाभिमान देश का..

स्नेहलता द्विवेदी आर्या
मध्य विद्यालय शरीफगंज, कटिहार

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