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बिहार का गौरव-अशोक कुमार

हमारा गौरव

कर्मभूमि की करुणा है,
यहां बाबू वीर कुंवर ने अवतार लिया।
अस्सी के उम्र में उन्होंने,
अंग्रेजों पर प्रहार किया।।

अपनी वीरता का उन्होंने,
इतिहास में पहचान दिया।
जब गोली लगी हाथ में तो,
खंजर से उसे उतार दिया।।

धन्य है वह माता जिन्होंने,
राजेंद्र प्रसाद को जन्म दिया।
कमलेश्वरी के लाल ने,
देश को प्रथम राष्ट्रपति दिया।।

अपनी सादगी से उन्होंने,
बिहार का नाम रोशन किया।
कर्मभूमि की करुणा है,
जिन्होंने राजेंद्र प्रसाद को जन्म दिया।।

बापू ने भी प्रथम सत्याग्रह,
चंपारण से ही प्रारंभ किया।
नील की जबरन खेती की व्यवस्था को,
बापू ने उसे खत्म किया।।

यह कर्म भूमि की जननी है,
विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय दिया।
चीनी यात्री ह्वेनसांग ने आकर,
यहीं से शिक्षा प्राप्त किया।।

कर्मभूमि की जननी है यह,
राजगीर ने समता का रूप लिया।
तीनों धर्मों का है तीर्थ स्थल,
विश्व शांति स्तूप दिया।।

करुणा की है कर्म भूमि यह,
सम्राट अशोक को जन्म दिया।
कलिंग युद्ध में उनका भी,
ह्रदय हिंसा के प्रति कल्पित हुआ।।

करुणा की है कर्म भूमि यह,
कालिदास, रामधारी सिंह दिनकर, फणीश्वर नाथ रेणु, गोपाल सिंह नेपाली दिया।
अपनी लेखनी से इन्होंने,
बिहार का नाम गौरवान्वित किया।।

करुणा की है कर्म भूमि यह,
बौद्ध जैन का उदय हुआ।
संप्रभुता की मिसाल लिए,
विष्णु मंदिर, हरिमंदिर, महावोधी मंदिर प्रसिद्ध हुआ।।

करुणा की है कर्म भूमि यह,
सासाराम में ताराचंडी तो।
भभुआ में मुण्डेश्वरी धाम दिया,
अपनी महिमा मंडित कर जग को उजियार किया।।

जल जीवन हरियाली अपनाकर,
पर्यावरण को अभयदान दिया।
अमन सुख शांति की खातिर,
नशा बंदी करने वाला प्रथम राज्य बना।।

‌ अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैमूर

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