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दिलों को दिलों से जोड़ें-अर्चना गुप्ता

दिलों को दिलों से जोड़ें

दिलों से दिलों को जोड़े हम मीत
गुनगुना लें मिल एक मधुर संगीत
जीवन सरिता एक निधि अमूल्य
एकदूजे संग सदा ही निभाएँ प्रीत

अब छोडें द्वेष विकार का दामन
खिलाएँ अमन के पुष्प हर आँगन
हर गली डगर शांति संदेश सुनाएँ
प्रेम-सौहार्द से महका लें जीवन

हँसती पलकें होकर आज निश्छल
उर आँगन खिले पुष्प एक शतदल
झूम-झूम गाते मन हुआ फकीरा
हर्षित हुआ अवनि संग अम्बरतल

स्नेहसिक्त हिय से करें जीवन श्रृंगार
सृष्टि भी करती पुलकित अभिसार
आकाशगंगा की रजतधार में देखो
झर-झर झरता एक मधुर फुहार

धुल जाए दिल के हर कटु विषाद
मिल जाए हिय से हिय का संवाद
फट जाए सर्वत्र वारिद तिमिरमय
सबको ही मिले सृष्टि की सौगात

अर्चना गुप्ता
अररिया बिहार

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