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दृढ़ संकल्प-अर्चना गुप्ता

दृढ़ संकल्प 

दृढ़ संकल्प करें हम मन से,
हिन्दी का उत्थान करेंगे।
हिन्दी है जनमानस की भाषा,
हो सर्वोन्नति, अभियान करेंगे।

है हिन्दी से हिन्दुस्तान हमारा,
हृदय से इनका सम्मान करेंगे।
सभ्यता-संस्कृति समाहित इसमें,
गौरव का इनके गान करेंगे।

है सकल राष्ट्र की मधुरतम भाषा, 
सब मिल इनका मान रखेंगे।
माँ भारती के मस्तक सुशोभित,
भाषा पर हम अभिमान करेंगे।

भावाभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम,
नित नूतन प्रतिमान गढ़ेंगे।
भावों की अमृत सुधा जो बहती,
नित उसका रसपान करेंगे।

है माँ सी ममता, भारत का गौरव,
इनकी गाथा का यशोगान करेंगे।
एक सूत्र में सकल जग को जोड़े,
जीवन समर्पित सुबह-शाम करेंगे।

समत्व भाव से सकल धरा में,
उन्नत भाषा से राष्ट्रनिर्माण करेंगे।
समस्त विश्व लहराए परचम,
तन-मन से हम आह्वान करेंगे।

कर सद्कर्म और सद्आचरण,
हिन्दी को सर्वत्र दीप्तमान करेंगे।
पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण,
हिन्दी के रंग में यह जहान करेंगे।

अपने अस्तित्व की पहचान है हिंदी,
कभी न इसका अपमान करेंगे।
हर देहरी हिन्दी के दीप जलाकर, 
रौशन समस्त हिन्दुस्तान करेंगे।

रहें कहीं भी हम सकल धरा पर,
हम हिन्दी की पहचान बनेंगे।
गागर में सागर सी भाषा है हिंदी,
विश्वपटल पर सर्वदा मान रखेंगे।

अर्चना गुप्ता
अररिया बिहार

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