Site icon पद्यपंकज

हिंदी हमारी पहचान-भवानंद सिंह

 

हिन्दी हमारी पहचान 

आओ सुनाएँ एक कहानी
नाम है मेरा हिन्दी रानी
सबसे अधिक मैं बोली जाती
14 सितम्बर 1949 ई. को
मैं बनी थी राजभाषा ।

हिन्दी हमारी राजभाषा है
गर्व हमें है हिन्दी पर ,
सभी भाषा से बढ़कर है यह
हर जगह बोली जाती ।

देश की पहचान है हिन्दी
हिंदी भाषा है मजबूत,
यह भाषा है बड़े ही शिष्ट
गहराई इसमें है भरपूर ।

हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई
सभी बोलते हैं मुझको ,
समझने में आसान हूँ मैं
सभी समझते हैं मुझको ।

व्यापकता है इस भाषा में
देवनागरी लिपि में लिखी जाती हूँ,
कार्यालय की भाषा मैं भी हूँ
खुद पर खूब इतराती हूँ ।

पूरब से पश्चिम तक
उत्तर से दक्षिण तक,
हिन्दी का फैला साम्राज्य है
इसलिए हिन्दी खास है ।

भवानंद सिंह
उ. मा. वि. मधुलता
रानीगंज, अररिया

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version