जग में तुम नाम कमाओगे
देखकर तेरी प्यारी छवि,
सबकुछ भूल जाती हूँ।
चाहे लाखों काम हों सिर पे मेरे,
तुझे गोद में उठाती हूँ।
तुम हो चंदा, तुम हो तारा,
मेरे बुढापे का, तुम हो सहारा।
पढ लिखकर तुम बनना महान,
जिससे चमके सारा जहान।
तुमको जन्म देकर मैंने,
सारी दुनिया की खुशियाँ पाई।
मिठाई से भी मीठी है,
चेहरे पर सजी मुस्कान तेरी।
इन आँखों में जो बसे हैं सपने,
उन सपनों को पूरा करना।
समाज सेवा और देश रक्षा के लिए,
हरदम तुम तत्पर रहना।
अपने कर्तव्य पथ पर अटल रहना,
तुम धर्म के अवतार हो।
तुम, शुद्ध हो, तुम बुद्ध हो,
तुम हीं तारणहार हो।
संसार माया से रहित हो,
तेरी छवि ये कह रही।
अनंत को पाओगे एक दिन,
जो तेरे हिय में है बसी।
माता बनाकर तेरी रब ने,
मुझपर बड़ा उपकार किया।
निर्धन हूँ मैं कोई फर्क नहीं,
तूँ है तो सबकुछ मुझे मिला।
इस धरती पर जो भी हो रहा,
उस अत्याचार को खत्म करना।
कर सदाचार का पालन तू,
पितरों का मान बढाए रखना ।
है सीख यही, अरमान यही,
तुम सब करके दिखलाओगे।
अपनी माँ के तुम प्राणों के प्यारे,
जग में तुम नाम कमाओगे।
स्वरचित:-
मनु कुमारी
प्रखण्ड शिक्षिका
मध्य विद्यालय सुरीगाँव,
बायसी, पूर्णियाँ बिहार