Site icon पद्यपंकज

रिश्ता रखें सच्चा -जैनेन्द्र प्रसाद

Jainendra

प्रभाती पुष्प

रिश्ता रखें सच्चा

संगी-साथी मित्र सच्चे,
मिलते कहांँ हैं अच्छे,
संबंध जो बन जाए, रिश्ता रखें सच्चा है।

किसी से जो नाता जोड़ें
उसको निभाना सीखें,
वरना तो दुनिया में, अकेला ही अच्छा है

संबंध जो टूटेगा तो,
साथ यदि छूटेगा तो,
सभी लोग समझेंगे, अकल का कच्चा है।

परिचित हजारों हों,
पर निभे एक से ही,
इस मामले में लोग, भले कहें बच्चा है।

जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version