बच्चों को सीखाइए
जल हरण घनाक्षरी छंद
खलिहान छत पर-
जहांँ भी जगह मिले,
बागवानी करने को, बच्चों को भी सीखाइए।
हवा व पानी के लिए ,
खुशी से जीने के लिए,
पेड़-पौधे लगाकर, प्रदूषण घटाइए।
तापमान दुनिया में-
दिनों दिन बढ़ रहा,
आने वाली पीढ़ी की, जिंदगी को बचाइए।
बढ़ेगी जो हरियाली,
पछियाँ बैठेगीं डाली,
आसपास पड़ोस को, चमन सा बनाइए।
जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
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