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शपथ हूँ-एकलव्य

शपथ हूँ

प्रतिवर्ष 14 सितंबर को तुझे याद करता हूँ,
तुम राजभाषा हो राष्ट्रभाषा बनाने की बात करता हूँ, 
सम्मान समारोह के द्वारा तुझे एक बार फिर से याद करने का प्रयास करता हूँ,
सच कहता हूँ–
तुझे भुलाने के लिए तुझे एक बार फिर से याद करता हूँ।।

अन्य भाषा शब्दों को खुद में समा कर भी सागर सा रहता हूँ,
देश और विदेशों में भी अपने परचम का झंडा लहराता हूँ,
अंग्रेजी और चीनी के बाद सबसे बड़ी भाषा बतलाता हूँ,
पर सच कहता हूँ–
तुझे भुलाने के लिए ही प्रतिवर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रभाषा बनाने की शपथ खाता हूँ।।

मुझे तो महत्वाकांक्षा और पैसा मिला,
तेरे ही खातिर जग में एक नाम मिला,
भला इतना भी तुझे याद ना करूँ,
तेरे ही नाम पर कीर्ति और गौरव पुरस्कार जो मिला,
पर सच तो यही है —
तुम माँ हो, हिंदी हो
राजभाषा नहीं राष्ट्रभाषा हो
और मैं 14 सितंबर का मात्र एक शपथ हूँ।।

एकलव्य संकुल समन्वयक
मध्य विद्यालय पोखरभीड़ा
पुपरी, सीतामढ़ी
पिन नम्बर-843320

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