शरद पूर्णिमा की रात सुहावन, है अति मनभावन,
चंद्रमा की चांदनी, उजाला, शीतलता, है अति पावन,
चंद्रदेव अमृत-वृष्टि हैं कर रहे, माँ लक्ष्मी का पूजन-अर्चन,
कुलदेवी को प्रणाम निवेदित, पान-मखान प्रसाद अर्पण ।
गिरीन्द्र मोहन झा
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GRINDRA MOHAN JHA