जलाए सदा दीप आओ बताए।
उन्हें मान देना तुम्हें जो सिखाए।।
सदा हाथ थामें तुझे जो बढ़ाया।
उसे याद लाओ कहो क्यों भुलाया।।
सदा शीश आगे उन्हीं के झुकाना।
सिखाया जिन्होंने तुझे लक्ष्य पाना।।
बताया नहीं जो कभी हार जाना।
सदा जीत का जश्न यूँ ही मनाना।।
चलें बाह थामें सदा मुश्किलों में।
सहारा बना नित्य ही दुर्मिलों में।।
निकाला तुझे नित्य जो बंदिशों से।
अशिक्षा मिटाया बचे गर्दिशों से।।
खुला चक्षु कैसे तुम्हारा बताओ।
मिटाया अँधेरा कि सम्मान पाओ।।
वही सीख सारी अशिक्षा भगाया।
उसी देव को आज माथे नवाया।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला,
बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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