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योग-नीभा सिंह

योग

अगर स्वस्थ रहना है सबको,
जीवन सफल बनाना सबको,
तो योग करें भाई क्यों करें,
अपने को निरोग करें।

सूर्योदय से पहले उठकर,
नित्य कर्म से निवृत्त होकर,
खुली हवा में बैठकर,
योग करें भाई योग करें,
अपने को निरोग करें।

तरह-तरह के आसन है,
अलग अलग हैं इसके नाम,
शरीर को तंदुरुस्त बनाना,
इनका है मुख्य काम।
योग करें भाई योग करें,
अपने को निरोग करें।

यह नकारात्मकता को दूर भगाता,
अच्छे विचारों का निर्माण करता,
अपने जीवन शैली में बदलाव करें,
योग करें भाई योग करें,
अपने को निरोग करें।

जब कभी भी हो परेशान,
योग करे जीवन आसान,
जो ना करे वह है नादान,
योग करें भाई योग करें,
अपने को निरोग करें।

योग सेहत के लिए होता वरदान,
सब रोगों का करे निदान,
इसका नियमित अभ्यास करें,
योग करें भाई योग करें,
अपने को निरोग करें।

सब मिलकर हम लें यह प्रण,
इसका प्रचार करें जन जन,
देश को निरोग बनाएँ हम,
योग करें भाई योग करें,
सब जन को निरोग करें।।

नीभा सिंह
मध्य विद्यालय जोगबनी
फारबिसगंज, अररिया

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