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कच्चे धागों में – अशोक कुमार

कच्चे धागों में,

रिश्ते निभाना।

भाई मेरी जान है,

इसको ना भुलाना।।

बहनों का प्यार तू,

भाई मेरा संसार तू।

राखी के बंधन को,

कभी ना भुलाना।।

रिश्ते हमेशा तू,

अच्छा बनाना।

कभी ना भूलने की,

कसमें तू खाना।।

भाई मेरी जान है,

सारा जहान है।

तेरा जैसा ना कोई,

तू ही अरमान है।।

बहनों से रिश्ते तू,

अच्छा निभाना।

धागों के अनमोल रिश्ते,

हमेशा निभाना।।

अशोक कुमार

अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय

नुआंव, कैमूर

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