पावन मकर संक्रांति का पर्व अनमोल,
मास जनवरी में यह अमृत घोल।
सर्दी से बचने का यह पर्व अनुपम है,
इसमें चूड़ा, दही औ लाई का दम है।
पर्व मकर संक्रांति बड़ा निराला
यह दिन होता बहुत भोला-भाला।
धनु राशि से सूर्य जब मकर राशि में आते,
मकर संक्रांति का हम पावन पर्व मनाते।
जाड़े की उल्टी गिनती शुरू हो जाती,
दिन में सूर्य की किरणें प्रखर हो जाती।
इसमें दान पुण्य का महत्त्व अधिक है,
यह जीवन में ऊष्मा आने का प्रतीक है।
सबको खिलाएँ चूड़ा दही संग लाई मिठाई,
इस वार्षिक पावन पर्व की करें बड़ाई।
इस पर्व में खिचड़ी संग घी अचार खाते हैं,
इस पर्व में खुशियाँ भी कई प्रकार पाते हैं।
तिल के लाई बने हों गोल,
ऊपर से जब हों मीठे बोल।
प्रेम बढ़ाकर दिल में घोल,
यह मौसम है बड़ा अनमोल।
जन-जन में जागे तरुणाई,
जब खाए लोग लाई मिठाई।
जीवन खुशियों से भर जाए,
जब यह पावन पर्व वर्ष में आए।
इस पावन पर्व की करें समीक्षा,
फिर वर्ष भर के लिए करें प्रतीक्षा।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड- बंदरा, जिला- मुजफ्फरपुर