नन्ही मुन्नी प्यारी गुड़िया
सबकी राज दुलारी गुड़िया।
तितली जैसी उड़ती फिरती
खुशियों की किलकारी गुड़िया।।
कभी गले से आकर लिपटी
कभी खफा हो जाती गुड़िया।
करके कोई नयी शरारत
मंद मंद मुस्काती गुडिया।।
नए नए परिधान पहनकर
मटक मटक कर चलती गुड़िया।
हर आंखों की है वह तारा
लगती सबको प्यारी गुड़िया।।
कभी कभी करती मनमानी
कभी करे नादानी गुड़िया।
दादी गले लगाकर कहती
तू मेरी जापानी गुड़िया।।
मीरा सिंह “मीरा”
+2, महारानी उषारानी बालिका उच्च विद्यालय डुमराँव, जिला-बक्सर, बिहार
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