विद्यालय चल पड़ी है
प्यारी सी “सोना”….
नई सखियों का साथ होगा और,
खुशियों का झरना,
पढेगी खूब मन से वह ,
पूरी करेगी हर सपना।
विद्यालय चल पड़ी है
प्यारी सी “सोना”..
रंग- बिरंगी किताबें और
विद्यालय का कोना,
उकेरेगी मन में बसी वह फ़साना,
शिक्षा का अलख अब है जलाना।
विद्यालय चल पड़ी है
प्यारी सी “सोना”…
कोरी कल्पना का तोड़ेगी कारा,
“बेटी पढ़ाओ ” लगाएगी नारा,
ज्ञान की मोती चुनकर है लाना,
खुशियों की बारिश में अब है नहाना।
विद्यालय चल पड़ी है
प्यारी सी “सोना”..
दीदी सुनाएगी किस्से कहानी,
वो “मेंढक राजकुमार” और “परियों की रानी”,
अब तो है उसको दिनचर्या बदलना,
सबेरे सोना सुबह उठ जाना।
विद्यालय चल पड़ी है
प्यारी सी “सोना”।
मनु कुमारी
प्रखंड शिक्षिका
मध्य विद्यालय सुरीगांव
बायसी, पूर्णियां, बिहार
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