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बेटियाँ- मधु कुमारी

Madhu

 

बेटा वंश तो वंश की नींव होती है बेटियाँ!
दो कुलों की आन-बान-शान होती है बेटियाँ!

कुदरत जब हो मेहरबां तो परियों के देश से आती है बेटियाँ!
ईश्वर के वरदान और सौभाग्य से धरा पर आती है बेटियाँ!

आज हर क्षेत्र में अपना परचम लहराती है बेटियाँ!
दुर्गा-लक्ष्मी-काली-सी शक्तिशाली होती है बेटियाँ!

विद्या का वरदान होती है बेटियाँ!
संस्कारों की अभिमान होती है बेटियाँ!

अधरों की मीठी मुस्कान होती है बेटियाँ!
तपती तपन में फुहार-सी शीतल होती है बेटियाँ!

विहगों के कलरव और तितली-सी चंचल होती है बेटियाँ!
संस्कृति की धरोहर, त्योहारों की रौनक होती है बेटियाँ!

सभ्य समाज की अहम योगदान होती है बेटियाँ!
ममता, प्यार, दुलार और सब पर जान लूटाती है बेटियाँ!

बेटा भाग्य किंतु सौभाग्य की परिभाषा होती है बेटियाँ!
इतना ही नहीं वंश के नींव की सकल विस्तार होती है बेटियाँ!

मधु कुमारी

उत्क्रमित मध्य विद्यालय भदौरिया, कटिहार
कटिहार

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