बेटीयां तो घर की आन है
बाप की अनुपम पहचान है
जो समझता है बेटी को बोझ
वह तो सबसे बड़ा नादान है
क्यों करते हो बेटा और बेटी
वह भी तो तुम्हारी संतान है
बेटी का अवतरण होता है वहीं
जिस घर में ईश्वर का वरदान है
बेटों से बेटियों कम आंकते है
यह तो दिग्भ्रमित का सामान है
हमारे बेटों की तरह बेटियां भी
चढ़ती सफलता की सोपान है
बेटीयां तो दृढ़ शक्ति की मिसाल है
कामयाबी की हर जगह बखान है
अपनी अथक लगन व परिश्रम से
बेटीयां आज छू रही आसमान है
बेटियां तो है आज बेटों से भी आगे
हर क्षेत्र में भी सफलता इनके नाम है
कर्म , कृतार्थ और दृढ़ निश्चयी के बल
बेटियों के आगे खुद झुका आसमान है
एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
उत्क्रमित उच्च माध्यमिक
विद्यालय छोटका कटरा
मोहनियां कैमूर बिहार
0 Likes