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मम्मी दुनिया से निराली है – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

दुनिया चाहे कुछ भी कह ले

मम्मी  ही  हमारी जान है।

हर सुख-दुःख में साथ वह देती ,

मम्मी  ही  हमारी  पहचान है।।

मम्मी  की  बात मीठी होती,

लगती  हमें  बड़ी  प्यारी  है।

वह  तो  इस घर की है रानी,

लगती सबसे  न्यारी  है।।

भोर  होते  ही  सब  दिन,

सबसे पहले जग जाती है।

अपने काम करने में  वह ,

तनिक भी  न  घबराती  है।।

मम्मी नित्य  हमें तो ही,

दूध, मलाई  खिलाई  है।

पग-पग चलना भी  हमें,

मम्मी ने  ही  सिखलाई  है।।

सदा ख्याल करती  हम सबका,

वह  दुनिया से  बड़ी  निराली है।

वह  मीत है  हमारे  जीवन  का,

वह घर की भी खुशियाली  है।।

हम  सबको  प्यार  भी ,

मम्मी से  सदा  मिलती है।

उसके घर से बाहर  रहने पर,

घर  की सूरत  बिगड़ती है।।

पापा, दादा,  दादी  के  भी,

देखभाल  करने  पड़ते  हैं।

दवा, खानपान, संयम के भी,

उसे ही  ख्याल  रखने  पड़ते हैं।।

ऑफिस  जाते  पापा   की ,

उसको तैयारी करनी पड़ती है।

लंच   बॉक्स   में   टिफिन   दे ,

घर के काम में लगनी पड़ती है।।

मम्मी  से  कहता,  दो  रोटी  दो,

वह सदा  थाली में चार रख जाती है।

पूछने  पर  बड़े   प्यार   से ,

केवल दो  ही तो बतलाती है।।

रोटी की  गिनती  में वह ,

सदा मात खा  जाती है ।

इससे  इतर  गिनती में,

अपना  लोहा भी मनवाती है ।।

रोज बिस्तर पर ले जाकर,

मीठी लोरी  हमें सुनाती है।

हम सबका दिल खुश कर मम्मी,

रात में थपकी दे सुलाती है ।।

ऐसी मम्मी मिली है  हमें,

जो जीवन का सुख देती है।

अपने सुख को  छोड़ सदा,

हम सबका दुःख  हर लेती है।।

अमरनाथ त्रिवेदी

पूर्व प्रधानाध्यापक

उत्क्रमित उच्चतर विद्यालय बैंगरा

प्रखंड- बंदरा, ज़िला -मुज़फ्फरपुर

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