Site icon पद्यपंकज

मुक्तहस्त स्नान दान – एस.के.पूनम

S K punam

🙏कृष्णाय नमः🙏
विधा:-रूपघनाक्षरी
विषय:-(मुक्तहस्त स्नान दान)

बीता है ग्रहणकाल,
सुतक का अंत हुआ,
सरिता के तट पर,करते हैं योगी ध्यान।

डुबकी लगाते गंग,
पाप कर्म विसर्जित,
हृदय हों स्वच्छ और,मुक्तहस्त स्नान दान।

रवि है दक्षिणायन,
शीत का है आगमन,
शीतल समीर चले,तपिश का अवसान।

कोमल पत्तियाँ देख,
खुश होती वसुंधरा,
वादियों ने दिया हमें साधन सौंदर्य दान।

एस.के.पूनम।

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version