लगन सदा मन राम लगाओ
विधा: चौपाई
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जब-जब भाव कथा मन आवै।
तब- तब प्रेम राम मन भावै।।
प्रभुवर के गुण जो मन गाता।
सब सुख-शांति सदा वह पाता।।०१
चरणन राम पखारत जोई।
उनकर काम सदा हित होई।।
प्रभु पद पंकज है सुखकारी।
परम पुनीत सदा शुभकारी।।०२
रघुपति राघव नाम पुकारो।
अभिनव पावन भाव उतारो।।
दशरथनंदन है अति प्यारा।
रघुकुल का वह राज दुलारा।।०३
जब-जब दिव्य रूप प्रभु आते।
तब-तब पुण्य भाव हित लाते।।
सुन प्रभु भक्त-गुहार लगाते।
प्रभुवर राघव प्राण बचाते।।०४
सुन प्रभु राम कथा हितकारी।
सुख यह सार सदा भवतारी।।
सदन सदा नित राम बनाओ।
यश सुख मान सदा तुम पाओ।।०५
मनन करो नित राम बुलाओ।
सरस मनोहर नाम जगाओ।।
रघुकुल की है रीति निराली।
जप तप मंत्र करे रखवाली।।०६
लगन सदा मन राम लगाओ।
भजन कथा कर रोग भगाओ।।
मरण दशानन लोक सुहाए।
विजय सदा प्रभु धर्म बताए।।०७
देव कांत मिश्र ‘दिव्य’ मध्य विद्यालय धवलपुरा, सुलतानगंज भागलपुर, बिहार

