वंदन गुरु का करते सारे – अंजनेय छंद गीत
गुरुवर तेरे वैभव न्यारे।
वंदन गुरु का करते सारे।।
जो जन शरण तुम्हारी आते।
पीड़ा मन की सहज भगाते।।
सबको वर दे तुमने तारे।
वंदन गुरु का करते सारे।।०१।।
ज्ञान चक्षु को हम-सब पाते।
बुद्धि ज्ञान हमको उपजाते।।
भरते जीवन में उजियारे।
वंदन गुरु का करते सारे।।०२।।
भँवर जाल में फंँसे हुए हैं।
दुविधा में हम पड़े हुए हैं।।
हरपल माया के हम मारे।
वंदन गुरु का करते सारे।।०३।।
नहीं बिना गुरु मान मिलेगा।
सहज सत्य का ज्ञान मिलेगा।।
जिससे लगते सभी किनारे।
वंदन गुरु का करते सारे।।०४।।
बोध ब्रह्म का गुरुवर देते।
सब संताप शोक हर लेते।।
भव की तरिणी पार उतारे।
वंदन गुरु का करते सारे।।०५।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश, पालीगंज, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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