साबरमती के संत
आप हमेशा याद आएंगे।
युगों-युगों तक आपके आदर्श
एक नया मार्ग दिखलाएंगे।
सत्य,अहिंसा की राह चल
हम अपने लक्ष्य को पाएंगे,
हे साबरमती के संत
आप हमेशा याद आएंगे।
अहिंसा का पाठ पढ़ाए
अमन की गंगा बहाए,
वैमनस्यता की दीवार तोड़
मानवता का बोध कराए।
सत्य के मार्ग पर चलकर
हम नव कीर्तिमान बनाएंगे।
साबरमती के संत
आप हमेशा याद आएंगे।
निहत्थे होकर आपने
दिये ऐसे अटल विचार।
सत्य और अहिंसा ये दो
हैं अब भी अभेद्य हथियार।
आपके इन विचारों को
हर कोई अपनाएंगे,
हे साबरमती के संत
आप हमेशा याद आएंगे।
स्वरचित मौलिक रचना
संजय कुमार (अध्यापक )
इंटरस्तरीय गणपत सिंह उच्च विद्यालय,कहलगाँव
भागलपुर ( बिहार )
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