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सीख- विजात छंद मुक्तक – राम किशोर पाठक

सीख- विजात छंद मुक्तक

सदा वाणी सहज बोलें।
नहीं विद्वेष को घोलें।।
अगर कोई सताए तो।
नहीं चुपचाप से रो लें।।

अभी बचपन सुहाना है।
सभी सपने सजाना है।।
दबे कुचले नहीं रहना।
नहीं धीरज दिखाना है।।

खुशी आओ मनाना है।
कदम तुझको बढ़ाना है।।
अगर रोके कहीं कोई।
तुझे ताकत दिखाना है।।

मगर सतपथ तुझे चलना।
अडिग विश्वास पर रहना।
मिले जिस दिन प्रगति तुम्हें।
नसीहत ध्यान में रखना।।

हमारी सीख है इतनी।
कहे कोई हमें कितनी।।
भटकना छोड़कर प्यारे।
करें हम कर्म हो जितनी।।

यही नानी कही हँसकर।
भरोसा तुम करो खुद पर।।
वही होता सफल जग में।
चला जिसने यहाँ डँटकर।।

रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना।
संपर्क – 9835232978

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