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होली- शैलेन्द्र भूषण

होली को जनमानस में
किया जिन्होंने लोकप्रिय
श्री कृष्ण का इस जग पर
ऐसा उपकार है
होली, रंगों का त्योहार है।

ऋतुसंधि का पर्व अनोखा
प्रकृति कर रही तैयारी अपनी
चहुँओर बह रही, मीठी-मीठी
बसंती बयार है
होली, रंगों का त्योहार है।

अध्यात्म, मन और शरीर के
उत्थानों को सिखलाती
सनातन संस्कृति का रचित
यह अद्भुत संसार है
होली, रंगों का त्योहार है।

मिटे भेद अपने पराये का
रिश्तों में मधुरता लाएँ
उत्सवों में रंगोत्सव का जग में
ऐसा एक प्रकार है
होली, रंगों का त्योहार है।

राष्ट्र पथ पर आगे बढ़े
ऐसी ईश से प्रार्थना
जन-जन में नवचेतना जगी
मिट जाएँगे सभी दरार हैं
होली, रंगों का त्योहार है।

शैलेन्द्र भूषण
प्रधान शिक्षक
न. प्रा. वि. पकड़िया भूमिहार टोला
हरसिद्धि, पूर्वी चम्पारण

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