Site icon पद्यपंकज

झांके प्रीत की झोली- एस.के.पूनम

S K punam

🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏
मनहरण घनाक्षरी
होली अंक(झांके प्रीत की झोली)

आओ दोस्तों मेरे संग,
नहीं करे कोई तंग,
भाल पर मले रंग,संग में खेली होली।

भांग रस पीले यार,
लग जाए बेड़ा पार,
चाल चले डगमग,ढूंढे अपनी खोली।

छोड़कर बाबूल को,
ओढ़कर चुन्दड़ी को,
नखरें दिखाई भाभी,बैठीं अपनी डोली।

भाभी की बहन आई,
साथ में खुशियाँ लाईं,
जीजा हुए मतवाले,झांकें प्रीत की झोली।

एस.के.पूनम

Spread the love
Exit mobile version