प्रियवर! रंगोत्सव आई है सुख में भी हंसना दुख को भूल जाना जी भरके जीवन तराने गाना रंगोली बन खुद को बहलाना प्रियवर! रंगोत्सव आई है जीवन राग सुनाने आई…
Category: होली
होली तेरे संग चले -मनोज कुमार
होली तेरे संग चले हर एक कली जब बोल उठे, मादक मंजर रस टपके, कोयल कूके तन तरसे, बाग की पक्षी चहक उठे, मन मोर दीवानी मचल कहे, चल छोड़…
पहली होली-संजीव प्रियदर्शी
शादी के उपरान्त फाग में, मैं पहुँचा प्रथम ससुराल। जूता पतलून थे विदेशी, सिर हिप्पी कट बाल। ससुराल पहुंचते साली ने मधुर मुस्कान मुस्काई। हाथ पकड़ कर खींची मुझको फिर…
होली में-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद रंगों का त्योहार आया, खुशियां अपार लाया, आपस की बैर भूल, गले मिलें होली में। गली-गली मचा शोर, खुशी छाई चहुं ओर, बाल, वृद्ध, युवा रंग- खेलें…
होली के रंग खुशियों के संग -विवेक कुमार
फागुन की बयार लाए मौसम की फुहार, उदास मन में लाए नवीनता की बहार , सूने चमन में छाए उमंगों की खुमार, अनकहे रिश्तों में लाए बेहतरीन निखार, टूटे दिलों…
रंग दो -जयकृष्णा पासवान
*******होली********* रंग दो मुझे रंग दो” प्रेम की बारिश में । दिलों के ख्वाहिश में, कुछ ऐसा रंग भर दो, रंग दो मुझे रंग दो।। “धूप की छांव में ”…
होली- मनोज कुमार
🪂होली ना कहीं पे गम है, सम भाव सबरंग है; हरिभजन का दम है, तो ढोल-नाल का बम है। 👻होली मालपुआ मदमस्त है, दही बड़ा दिलकश है; ड्राई फ्रूट्स भी…
होली का त्योहार-नीतू रानी
होली का त्योहार होली है हिन्दुओं का त्योहार लोग लगाते हैं एक-दूसरे के गालों में गुलाल, खाते हैं सब पुआ और खीर गाते हैं जोगीरा सारा रा रा। सभी जानते…
होली-मनु कुमारी
होली मधुऋतु देखो आई, अली मन खुशी लाई, पिया संग खूब हम, प्रेम गीत गायेंगे। गुलाल अबीर रंग, खेलेंगे प्रीतम संग, पकवान मजे लेके, खूब हम खायेंगे। पौराणिक कथा कहे,…
ब्रज की होली-भवानंद सिंह
ब्रज की होली रंग गुलाल उड़े फिजा में अम्बर हो गया लाल, मन प्रफुल्लित हो जाता है आता जब होली का त्योहार । राधा संग नंदलाल की होली संग-संग ब्रजवासी…