Site icon पद्यपंकज

शहीदों की कहानी सुनो मेरी जुबानी-कुमकुम कुमारी

शहीदों की कहानी सुनो मेरी जुबानी

शहीदों की कहानी,
आओ, सुनो मेरी जुबानी।
देश के खातिर जिसने,
दे दी अपनी जिंदगानी।
आओ बच्चों तुम्हें सुनाए,
उनकी अमर कहानी।
शहीदों की ……………..

संघर्षों से नहीं जिसने,
कभी किनारा किया था।
इन्कलाव का जिसने,
सुनो नारा दिया था।
वन्दे मातरम, वन्दे मातरम,
कह दे गए अपनी जान की कुर्बानी।
आओ बच्चों तुम्हें सुनाए,
उनकी अमर कहानी।
शहीदों की…………….

मातृभूमि के रज से जिसने,
माथे तिलक लगाया।
फाँसी के फंदे को जिसने,
हँस कर गले लगाया।
देश को आजादी दिलाने की,
जिसने मन में थी ठानी।
आओ बच्चों तुम्हें सुनाए,
उनकी अमर कहानी।
शहीदों की ……………….

सिर पर कफन बाँधे देखो,
निकल पड़े थे वीर बलिदानी।
आजादी की लड़ाई में,
कूद पड़े थे वीर सेनानी।
गुलामी की बेड़ियाँ तोड़ने की,
जिसने मन में थी ठानी।
आओ बच्चों तुम्हें सुनाए,
उनकी अमर कहानी।
शहीदों की ………………..

इनके इरादें देख फिरंगियों का,
रोम-रोम थर्राया।
भारत माँ के वीर शहीदों ने,
भारत का मान बढ़ाया।
अपनी कुर्बानी देकर देखो,
दे दी हमें आजादी।
आओ बच्चों तुम्हें सुनाए,
उनकी अमर कहानी।
शहीदों की………………

कुमकुम कुमारी
मध्य विद्यालय बाँक
जमालपुर, मुंगेर, बिहार

Spread the love
Exit mobile version