अधूरे प्रेम कहानी की किताब :
हम वो किताब हैं जिसके आखिरी पन्नों पर दिल दस्तक देती है
और मांगती है हिसाब किताब के एक एक पन्नों का
मेरे शब्द अधूरे रह गए इस इंतज़ार में,
तुम लौट कर आओगी किसी दिन ये लिखा था,
जज्बातों ही नही अकेलेपन में खोया था।
मुझे हिसाब चाहिये तुम्हारे बेरुखी का,
अधूरे कहानी की किताब बना दिया।
एक हिसाब दो जिसने मेरे दर्द को कुछ शब्दों में छिपा लिया।
कि कैसे मैंने करवट लिया था
चौथे पन्ने पर
कि कैसे मैं एकटक निहारा था तुमको
दसवें से उन्तीसवें पन्ने तक
भरसक आंखों में तुम्हारे याद के नींद के साथ
सोया रहा आखिर तक
अब हिसाब दो
मेरे एक एक प्रेम के पृष्ठ का
क्योंकि
आखिर के उपसंहार में
मोहब्बत को महबूब की आगोश में होना है।
प्रस्तुति – चित्तेश्वर झा, विद्यालय अध्यापक (हिंदी),
उच्च माध्यमिक विद्यालय वीणा बभनगामा, सुपौल
संपर्क सूत्र -7061912842

