दादा-दादी हैं सबसे न्यारे,
घर-आंगन के चमकते तारे।
उनसे मिलता स्नेह अनोखा,
हर किस्सा होता है रोचक-रोखा।
दादी सुनाए कहानी प्यारी,
नींद लगे मीठी-मीठी सारी।
दादा सिखाते ज्ञान की बातें,
जीवन भर जो काम में आते।
आशीर्वाद से भरते जीवन,
उनसे मिलता सच्चा दर्पण।
दादा-दादी का साथ सुहाना,
बन जाता है जीवन खजाना।
राहुल कुमार रंजन
शिक्षक
मध्य विद्यालय ओरलाहा, बड़हरा कोठी, पूर्णिया
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