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मैं हूँ कितना भाग्यवान-अवनीश कुमार

मैं हूँ कितना भाग्यवान

मैं हूँ कितना भाग्यवान
जिसे मिला इतना सम्मान

पढ़-लिखकर नाम रोशन किया
माँ-बाप का नाम उजगार किया

धैर्य साहस है सफलता की कुंजी
यही है जीवन की पूंजी

इसे छोड़कर जो अपनाया
जीवन भर है पछताया

जीत की खुशी है कितनी प्यारी
ये लगती है सबको न्यारी

मैं हूँ कितना भाग्यवान
जिसे मिला इतना सम्मान। 

त्याग बलिदान है बड़ा कष्टदायक
लेकिन होता है यह फलदायक

लहू के हैं अनेक रंग
श्रम का फल फिर भी न बेरंग

सुख-दुख है जीवन का चक्र
इसकी करना न तुम फिक्र

मेहनत कर जी-जान लगाया
जग का मैं सम्मान पाया

मैं हूँ कितना भाग्यवान
जिसे मिला इतना सम्मान। 

मैं हूँ कितना भाग्यवान
जिसे मिला इतना सम्मान। 

अवनीश कुमार
उत्क्रमित मध्य विद्यालय अजगरवा पूरब
 पकड़ीदयाल पूर्वी चंपारण (मोतिहारी)

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