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नव वर्ष-प्रियंका कुमारी

नव वर्ष

नव वर्ष की नई किरण,
सबकी उम्मीदें बन कर आई है।

जो बीत गए थे वह बुरे वक्त
आज एक नई आश जगाई है,

जैसे थम सी गई थी,
सब कुछ सबके जीवन में।
अब सबके मन में नई तरंगों के साथ
कुछ करने की जोश मन में छाई है ।

नव वर्ष की नई किरण ,
सबकी उम्मीदे बन कर आई है।

अपनो के साथ रहना, 
कितना सुखद पल होता है,
यह बात सबको समझ आई है,

सादा जीवन जीने का महत्व
अब हमने जान पाई है,

स्वच्छता के साथ रहना ही
स्वस्थ शरीर की पहचान है।

यह बात कभी न कोई भूले
इसलिए प्रकृति ने अपनी बात
सबको समझाई है।

नव वर्ष की नई किरण
सबकी उम्मीदें बन कर आई है।

प्रियंका कुमारी
प्रा.वि.रहिया टोल
बायसी पूर्णिया बिहार

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