स्तनपान-अशोक कुमार

स्तनपान मां के गाढ़ा पीला दूध में,  पाए जाते हैं कोलोस्ट्रम। जन्मजात शिशु के लिए, होता अमृत समान।। बच्चे स्तनपान के अभाव में, होते कुपोषण के शिकार। जिसको मां का…

मां भारती-अशोक कुमार

मां भारती मां भारती कर्म भूमि तेरी, निर्मल धारा पवन करे फेरी। गंगा के अविरल धाराओं ने, कष्टों का निवारण करें मेरी।। तेरी गोद में बहती गंगा, सबका जीवन है…

आजादी-अशोक कुमार

आजादी तीन रंगों का तिरंगा प्यारा, नभ में लहराता। यह हमारी शान शौकत, आजादी की कीमत बताता।। हरा रंग है हरी हमारी, धरती की अंगड़ाई। केशरीया बल पौरुष भरने वाला,…

पर्यावरण-अशोक कुमार

पर्यावरण पृथ्वी वीरान पड़ी, विकट समस्या खड़ी। स्वयं एक एक पेड़,आप भी लगाइए।। पेड़ों की कटाई रोकें, बर्षा इसी से होखें। फल फूल हमें देवें, इसे तो बचाइए।। मिट्टी की…

पंछी-अशोक कुमार

पंछी कौआ मामा बैठ छतों पर, कांव-कांव कर रहे। बच्चे पूछते हे मामा, अतिथि मेरे घर आ रहें।। कोयल बैठी ऊंची डाल पर, कू कू कू कू कर रही। उनकी…

योग-अशोक कुमार

योग दिनभर व्यस्तता के बाद, रात को आराम करें। सुबह जल्दी उठकर, आओ चले व्यायाम करें।। सुबह-सुबह दौड़ लगाएं, शरीर में चुस्ती फुर्ती लाएं। नित्य क्रिया करके हम, सभी रोगों…

मछली रानी-अशोक कुमार

मछली रानी मछली रानी मछली रानी, जीवन है उसका पानी। जल में वह भाग दौड़ करती, ऊपर नीचे तैरा करती।। ‌‌ जल ही उसका घर द्वार, उसमें करती है बाजार।…

मैं हूं नारी-अशोक कुमार

मैं हूं नारी मैं भारतीय नारी हूं, मैं संस्कृति सभ्यता की जननी। है जीवन जीने की अभिव्यक्ति, खुद से निर्णय लेने की भी है शक्ति।। मुझे सोचने विचारने की अभिव्यक्ति,…

पिता-अशोक कुमार

पिता पिता शौर्य का प्रतीक, हमें पथ प्रदर्शक बनाया। निरंतर पग पग पथो पर, संभल संभल कर चलना सिखाया।। उन्हीं से सुख शांति है, मां का सिंदूर है। उनके जगह…

राही-अशोक कुमार

राही जिंदगी के राहों में, रोड़े बहुत आएंगे। संभल संभल कर चलना होगा, कभी खाई कभी गहराई में।। हम राही एक मगर, पथ अनंत होगा। ऊं सही एवं गलत की,…