सांसारिक क्लेश अब, नस -नस में चुभने लगी है । सत्प्रयोजनों से नाता , ज्यों छूटने लगी है । हमीं ने किया है , ऐसा आयोजन । हमी से फैली…
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प्रारंभ -अदिती भुषण
वो शाम सुहानी जाते जाते, कर गई रूहानी जाते जाते। संदूक में दबा कर रखा था, जिन जज़बातों को हमने कभी, न जाने कैसे खुल गई जाते जाते। कितना कुछ…
बगावत नहीं होती -डॉक्टर मनीष कुमार शशि
भगवान की अदालत में वकालत नहीं होती, किसी के चिल्लाने से कयामत नहीं होती। जहाँ रहेंगे सच्चरित्र औ पक्के ईमानवाले, किसी के भड़काने से बगावत नहीं होती। इतना सीख चुका…
क्रोध के अतिरेक से बचें- मो.मंजूर आलम
गुस्सा…. हर किसी को है आता , यह स्वाभाविक भी है- लेकिन क्या आपको है पता ? यदि आप गुस्सा प्रकट नहीं करते, तो खतरे से हैं खेलते! जी हां,…
हमें बताएं- मीरा सिंह “मीरा”
घर का कचरा फेंक सड़क पर चले कहां भैया इतरा कर? क्या सोचा है कभी आप ने होगा कितना जीना दुष्कर ? हुआ जहां कल धूम धड़ाका आज वहीं पर…
खुद को दीप्तिमान कर – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
शांति से सहन कर,अहं का दमन कर, बेकार तकरार में,वक्त न गवाइए। आलस्य को तज कर,खड़ा रह डट कर, विपरीत धार में भी,आगे बढ़ जाइए। चल तू संभल कर, पग…
विनाश की आंधी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि
विनाश की आंधी दूसरा हिटलर के सामने दुनिया नतमस्तक है, आज तीसरा विश्व युद्ध दे रहा दस्तक है। कलम मौन है केवल आज तोप गुर्राता है, रह रह कर एक…
राष्ट्रपिता-नीतू रानी “निवेदिता”
राष्ट्रपिता आज है 02 अक्टूबर का दिन आज का दिन है बड़ा महान, आज हीं जन्म लिए मेरे बापू हम सब मिलकर करते हैं इन्हें नमन। 02 अक्टूबर 1869…
जल जीवन हरियाली-प्रिती कुमारी
जल जीवन हरियाली है चहुँ ओर हरियाली और चली हवा मतवाली, धरती अम्बर सब डोले जब बाग में पपीहा बोले । जब पुरबा ले अंगराई नभ में बदरी छाई, फिर…
कैसी व्वस्था-संयुक्ता कुमारी
कैसी व्यवस्था कैसी है हमारे सभ्य समाज की व्यवस्था? कोई कब समझेगा गरीब की अवस्था? आवाज उठाओ हो रहा है अत्याचार। चहुँ ओर से घिरे देखते हैं, हम बन लाचार।।…