मानव धर्म-भवानंद सिंह

मानव धर्म आओ मिलकर हाथ बटाएँ न हो मानवता शर्मसार कहीं, हमसब मिलकर इसे बचाएँ दीन दुखियों का साथ निभाएँ। आज आई है विपदा भारी मानवता का लेने परीक्षा, मानव…