कैसी हो मेरी संकुल की पाठशाला – अरविंद कुमार अमर

कैसी हो मेरी संकुल की पाठशाला, मन में यह प्रश्न कोंध रहा है? कैसी हो मेरी संकुल की पाठशाला। सजा -सजाया सुन्दर उपवन, नूतन निर्मल हो हर माला, ञ्यान मधू…

पृथ्वी की है करुणा पुकार-अरविंद कुमार अमर

पृथ्वी की है करुणा पुकार–: पृथ्वी की है करूणा पुकार, सुन लो मनुष्य इसे बार-बार । महलों-दो महलों को बनाकर, हम पर मत डालो इतना भार। सभी वृक्षों को नष्ट…