जय त्रिपुरारी – कुमकुम कुमारी

जय त्रिपुरारी सुन लो विनय हमारी, हे उमापति त्रिपुरारी। मैं आई शरण तुम्हारी प्रभु दूर करो अंधियारी। अँखिया मेरी है प्यासी, तेरे दर्शन की अभिलाषी। हे गिरिजापति कैलाशी, अब दर्शन…