सुंदर सूभग विहान-डॉ स्नेहलता द्विवेदी  ‘आर्या ‘

सुंदर सूभग विहान हे रवि आ जाओ तुम नभ में, जीवन में मकर प्रयाण लिए। ठंड की वेला से मुक्ति का, सुंदर सुभग विहान लिए। शुभ उत्तरायण शुभ मंगल हो,…

मधुमय देश बनाना है-डॉ. स्नेहलता द्विवेदी आर्या

मधुमय देश बनाना है सुरभित सुंदर संस्कार का अद्भुत देश हमारा है, भगत सिंह गाँधी सुभाष संग हमने भी दिल हारा है। तरुणाई के प्रखर शौर्य को जनहित में रचने…

वीर जवान सरहद पर जाते-डॉ. स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या ‘

वीर जवान सरहद पर जाते तन मन जगमग हो जाता है, नमन कोटिशः सब मिल गाते। मातृभूमि पर मर मिटने को, वीर जवान सरहद पर जाते। बूढ़ी माँ के आँचल…

टिशू पेपर-डॉ. स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

मैं टिशू पेपर मैं!  टिशू पेपर! सभ्यता की पहचान  सौम्य सॉफ्ट आन-बान शान, हाथों से अधरों, गालों तक, जाने कहाँ-कहाँ मैं सहज पहुँचता हूँ। मैं! टिशू पेपर! स्वयं को निहारता,…

कर्मवीर-डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

कर्मवीर जीवन कब शोक मनाता है, कर्मवीर भी मारा जाता है। उठकर प्यारे अब धीर धरो, संघर्ष से क्यों घबराता है। जीता है और हम जीतेंगे, कहो कौन हमें डराता…

खाना पचता पेट मेंं-डॉ. स्नेहलता द्विवेदी आर्या

खाना पचता पेट में खूब चबाओ मुँह हिलाओ, सन जाये अब लार में। पाचन शुरू कराए टाईलिन , गले के ऊपरी भाग में। नीचे गले से होकर सुनलो, खाना पहुँचा…

बिहार दर्शन-डॉ स्नेहलता द्विवेदी “आर्या”

बिहार दर्शन आओ प्यारे तुम्हें कराऊँ दर्शन मैं बिहार की, यह मिट्टी है ज्ञान शौर्य की शांति की सद्भाव की। श्रमशक्ति का ओज रगों में प्रतिभा के सम्मान की, विजयी…

दिशा धुन-डॉ. स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

दिशा धुन प्यारे बच्चों सुन सुन सुन, दिशा की प्यारी सी इक धुन। सूरज जिधर से सुबह उगे, कहते उसको पूरब सुन। प्यारे बच्चों सुन सुन सुन.. देखो सुबह में…