दोहावली- देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

पावन शुचिमय भाव रख, रचें नवल संसार। दे सबको नव वर्ष शुभ, खुशियों का उपहार।। द्वेष पुराना भूलकर, करिए नेक विचार। स्वागत हो नव वर्ष का, लेकर खुशी अपार।। खुशियाँ…

दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

चंद्रयान है चाँद पर, हर्षित भारत देश। वैज्ञानिक सब धन्य हैं, देख सुखद परिवेश।। जय जय भारत देश में, जय जय है विज्ञान। चंद्रयान अभियान से, बढ़ा जगत् में मान।।…

दोहावली-देव कांत मिश्र

दोहावली फागुन भावन जब सरस, घुलते प्रेमिल रंग। पावन पूनम प्यार में, दिखती नई उमंग।। खेलें होली प्यार से, करें नहीं हुड़दंग। प्रेम भाव में है छुपी, अद्भुत नवल तरंग।।…

दोहावली – देव कांत मिश्र

दोहावली हे माता सुरपूजिता, करूँ चरण प्रणिपात। मैं मूरख मतिमंद हूँ, भरो ज्ञान-अवदात।। अमिय ज्ञान देना मुझे, देना स्वर झंकार। हृदय-मग्न गाता रहूँ, लेकर अनुपम प्यार।। वाणी मधुरिम हो सदा,…

दोहावली-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

दोहावली उत्तरायणी पर्व का, हुआ सुखद आगाज। ढोल नगाड़े बज रहे, होंगे मंगल काज।। सूरज नित अभिराम है, जीवन का आधार। देव रूप पूजे सदा, सारा ही संसार।। बदल दिशा…

दोहावली-देव कांत मिश्र

दोहावली हे माता जगदम्बिके, तू जग तारणहार। अनुपम दिव्य प्रताप से, संकट मिटे हजार।। बढ़ना है जीवन अगर, चलिए मिलकर साथ। सारी दुनिया आपको, लेगी हाथों-हाथ।। बेटा है कुल दीप…

दोहावली-विनय कुमार ‘ओज’

दोहावली जीवों में तुम श्रेष्ठ हो, पाया तीक्ष्ण विवेक। मानवता कहती बनो, उत्तरदायी नेक।। विपदा में जब हो घिरा, हारा मन इंसान। संबल देता जो उसे, सच में वो भगवान।।…